Monday

चित्रांश सक्सेना


छोटी सी मात को जो हार समझ बैठे हैं,
 अपने हर लक्ष्य को वो ख्वाब मान बैठे हैं।
करेंगे क्या वो ज़िन्दगी के इस सफर मे जो,
राह के रोढ़े को अंजाम समझ बैठे हैं ॥

चित्रांश सक्सेना

दिल है कि ख्वाब इसको सजाने का शौक है,
 बारिश मे भी वो नाव बहाने का शौक है ।
कागज की उस कश्ती का सफर छोटा है लेकिन,
 पल भर की खुशी इसको मनाने का शौक है।

Is poetry realy live in todays fast running life?

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