"वो तो बातें बनाते रहे...."
वो तो
बातें बनाते रहे, और हम मुस्कराते रहे ।
दूर से देख कर ही
उन्हें, दिन में सपने सजाते रहे॥
दिल को समझाया
सपना ही है,
पर वो समझा कि
अपना ही है ।
मैंने बोला है
मुश्किल बड़ा,
पर वो बोला ये करना ही है ॥
उसकी ज़िद को
छुपाते रहे, और हम मुस्कराते रहे ॥
उनसे बातें ना
करने मिलीं,
थोड़ी मायूसियाँ तब
मिलीं,
बहते पानी में
जैसे हो कि
अपनी कश्ती ही ठहरी मिली,
फिर भी कश्ती
सजाते रहे, दिल को सपने दिखाते रहे ॥
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