झूट बोला था जब, नजरें मिलायी नही ।
आज बोला जो सच नजरें उठाई नहीं ।।
पास जब भी गये दूर से ही रहे,
कुछ भी कहने की हिम्मत जुटाई नहीं।
गलत थे हम ये जानते थे सभी,
पर किसी ने भी गलती बताई नहीं।
दूर थी अपनी मंजिल पता था हमें,
फिर भी दूरी किसी को दिखाई नहीं।
गुज़ारिश तो कश्तियों ने समन्दर से भी की,
पर समन्दर ने किसी की भी मानी नहीं।
जाने क्या क्या सुने इस जमाने से हम,
फिर भी नफरत की फसलें उगाई नहीं।
1 comments:
ab to kavi ki kalpana ne to had hi kar di...............gr8 work man...........carry on
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